चमचम चमकै छै मैया के अँगना
देखियौ कातिक महीना
कातिक महीना हे यौ कातिक महीना
भीड़ जुटल छै सगरो दुनिया
हे यौ कातिक महीना----------
कोइलख भद्रकाली के सुनु कहानी
दरभंगा विराजै छैथ श्यामा महारानी
श्रृंगार गहना मैया के श्रृंगार गहना
भीड़ जुटल छै सगरो दुनिया
हे यौ कातिक महीना------------
शुंभ-निशुंभ के संहार केलैथ भवानी
कलिया सँ कालीदास बनेलैथ भवानी
तकबै कहिया बेटा दिस तकबै कहिया
भीड़ जुटल छै सगरो दुनिया
हे यौ कातिक महीना-------------
विपिन लिखै छौ तोहर कहानी
प्यारे गाबैत छौ अपन जुबानी
एले मैया अँगना हमर एले मैया
भीड़ जुटल छै सगरो दुनिया
हे यौ कातिक महीना…
:- विपिन झा ( VIPIN JHA )
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