Vipin Kumar jha ( Story, Shayari & Poems ) 7532871208

अक्षरों का कारीगर हूँ, शब्दों को जोड़-जोड़ कर वाक्य बनाता हूँ !

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Sunday, January 23, 2022

झूठ


संसार का विनाश सदैव छल और झूठ बोलने से हुआ है, एक झूठ ना जाने कितने ही बड़े युद्ध का कारण बन जाता है और विश्वासघात तो महाभारत जैसा युद्ध करवा देता है, झूठ बोलने से ना जाने कितने परिवार नष्ट हो जाते हैं लाखों रिश्तों में दरारें आ जाती है और एक उम्मीद टूट जाती है उस इंसान से जो बोलने लगता है झूठ....


कौरवों का झूठ ही उनके खुद के विनाश का कारण बना, वैसे झूठ राजनीति का वो हथियार है जिसको सकुनी ने बड़े ही चतुराई से उपयोग किया था किंतु खुद के परिवार के विनाश का कारण बना, प्राचीन देव काल में जब दानव सब तपस्या करके इक्षानुसार वरदान प्राप्त करते थे तब उनके द्वारा उसका गलत उपयोग ही उनके मृत्यु का कारण बनता था.........

एक झूठ बरसों के विश्वास को ऐसे खंडित करता है जैसे सुदर्शन चक्र से किसी दानव का गला अलग होता है, हाँ मानव का उस समय जरूर अपने अंदर का आत्मविश्वास उस व्यक्ति के प्रति खत्म हो जाता है जो झूठ का सहारा लेता है, वजह कुछ हो अगर हमपर विश्वास करने वाला व्यक्ति ही हमसे झूठ बोले तो हम खुद में इतना टूट जाते हैं जितना माता-पिता के मृत्यु के समय एक बच्चा.....

वैसे कलयुग में झूठ बोलना एक लाजमी सा हो गया है कई बार हम झूठ बोलकर कुछ अच्छा भी कर लेते हैं किंतु उस समय उस झूठ में भी हम उसे जरूर शामिल करते हैं जो हमारे सबसे करीबी हो, क्योंकि उनको तब भी एक विश्वास रहता है जो हम साथ है चाहे कुछ गलत हो या सही.....

आज के समय में हम अगर किसी पर विश्वास करते हैं तो उस इंसान को सदैव उसके प्रति एक दायित्व रहता है जो हम केवल उस इंसान से झूठ ना बोले जो आपके कहे हरेक वाक्य पर आँख मूंद कर विश्वास करता है, आप कुछ गलत करो सही करो उसको बोलो जो कम से कम बता देना चाहिए जो आखिर झूठ क्यों बोला.....

झूठ मानव जाति का वो ग्रसित बीमारी है जो ना जाने कितनों को पागलखाने तो कितनों का दिमागी संतुलन तक खराब कर देती है और अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले समय एक भी ऐसा रिश्ता नहीं बचेगा जो इस बीमारी से ग्रसित ना हो और खुद को किसी पागलखाने या किसी हॉस्पिटल में भर्ती ना करवाये....

दुनिया का सबसे खूबसूरत झूठ
सबसे खूबसूरत चेहरे ही बोलते हैं

झूठ बोलते वक्त आदमी कई गलतियां करता है बस हमें ध्यान देना होता है उन छोटी-छोटी बातों को जो वो बोलते हैं, क्योंकि उस बात को वो इतने संतुलित तरीके से बोलते हैं जिससे आप भी सदैव भर्मित रह जाओगे, झूठ एक तरह का सफेद कपडा है जो दिखाई तो नहीं देता पर एक बूंद गंदगी की उसपर दाग जरूर लगा देता है, ठीक वैसे ही एक बार पकड़े जाने पर कभी विश्वास के पात्र नहीं रह जाते, हाँ इंसान खुद से तब घृणा करने लगता है जब उसका विश्वास टूट जाता है और वो अपने आस-पास के लोंगो पर जीवन भर फिर शक की निगाहों से देखता है और खुद को कर लेता है मौन क्योंकि झूठ ने कितने ही युगों को निगल लिया है।

दूध का जला इंसान 
छांछ भी फूक-फूक कर पीता है.......





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