Vipin Kumar jha ( Story, Shayari & Poems ) 7532871208

अक्षरों का कारीगर हूँ, शब्दों को जोड़-जोड़ कर वाक्य बनाता हूँ !

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Monday, September 7, 2020

चुनाव

 आबि गेल चुनाव आब फेर बैसार होएत 

गामे - गामे भाइ यौ निधोख प्रचार होएत

किछुए टाकाक लेल लोक  देखार होएत 
किछुए दिन गाम तँ भोंटक बाजार होएत 

मंदिर- मस्जिदक अओढ़ ल' प्रहार होएत 
लोक सँ लोकक तोड़ - जोड़ तैयार होएत 

चौके -चौके पाग माला आ जएकार होएत 
नेता लेल जनता बुझू भोंटक पैकार होएत 

पिछुला  बेर'क  मुदा  आब  जुआन होएत
एमकी बेर भैया  रोजगार'क एलान होएत

भाषण सँ लोकक खूब छुछ -दुलार होएत
कागत पर नीक सँ विकासक पलार होएत 

बुझैत अछि 'विपिन' ई सपना लचार होएत 
चुनावक बाद गाम टोल भथल इनार होएत

                                                     :- Vipin Jha 

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