Vipin Kumar jha ( Story, Shayari & Poems ) 7532871208

अक्षरों का कारीगर हूँ, शब्दों को जोड़-जोड़ कर वाक्य बनाता हूँ !

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Monday, October 16, 2023

  पेटक खातिर सदिखन बाहर सरकारक नीतिक शिकारल शहरक कारखाना लेल एकटा मजूर मुदा हमरा घर'क खाम छलैथ बाबूजी टिकुली सेनुर गहना जेवर बरसाइत तीज ...

Sunday, January 23, 2022

संसार का विनाश सदैव छल और झूठ बोलने से हुआ है, एक झूठ ना जाने कितने ही बड़े युद्ध का कारण बन जाता है और विश्वासघात तो महाभारत जैसा युद्ध करवा...